Saturday, August 18, 2012

जिंदगी



बेघर को रातभर सोने की जगह तो दे 
जिंदगी,मुझे खुलकर जीने की वजह तो दे |

 तलातुम में नन्हे परिंदे कहाँ बिखर गए ?
टूटे घर लौटने की राह तो बता दे !


ऐ जिंदगी, फूलों के चमन से सफ़र न सही ,
शोलों पे चलने का हुनर तो सिखा दे ।


                                - गौरव 

3 comments: